जीवन एक रेलगाड़ी हैं और हमारा लक्ष्य पटरी
कमियां बताने वाले एक दिन अकेले पड जाते हैं, जबकि दुसरो की खूबियां देखने वाला लोगो से घिरा रहता हैं |
हर कोई जीवन में उन्नति करना चाहता हैं, इसके लिए वह गुरु की तलाश करता हैं | श्रम करता हैं, अपनी समुचित चेतना से वह लगातार प्रगति के मार्ग पर बढ़ना चाहता हैं | पर उन्नति चाहने और करने के बीच एक बड़ी खाई हैं,वह हैं सकारात्मक कर्म | लोग अपनी उन्नति छोड़कर दुसरो की कमियां ढूंढने में जुट जाते हैं, इसे में उनकी उन्नति रुक जाती हैं | कुछ लोगो का मन्ना हैं की जीवन में थोड़े समय निंदा कर ली, तो कोई बात नहीं, पर यह स्वयं को छलने जैसी बात हैं |जीवन एक रेलगाड़ी हैं और हमारा लक्ष्य पटरी, अगर रेलगाड़ी किसी भी कारण से पटरी को छोड़कर पल भर के लिए दिशा भटकती हैं, तो उसका आगे बढ़ना असंभव हो जाएगा | उसके डिब्बे पलट जायेंगे और उन्हें वापस पटरी पर लाना बहुत कठिन कार्य होगा |
जीवन में न आंसुओं का मूल्य हैं, न भावना का | केवल सहना ही सत्य हैं | बिना सहे तो कोई गति नहीं हैं | अपने प्रति भी निर्दय होना पड़ता हैं...
एक बार एक व्यक्ति विधाता के पास गया और हाथ जोड़कर प्रार्थना भरे स्वर में बोला, 'भगवान ! में जीवन में उन्नति करना चाहता हूं | प्रगति करना चाहता हूं, कृपा करके मुझे कोई उपाय बताइए' | विधाता ने उस व्यक्ति के सामने दो गठरिया रखीं और कहा, 'वत्स इनमें से एक गठरी में तुम्हारी न्पदोसी की बुराइया भरी हैं, इसे पीठ पर लाद लो, हमेशा बंद रखना इसे | न तुम देखना न दुसरो को कभी दिखाना और इस दूसरी गठरी में तुम्हारी अपनी बुराइयां भरी हैं, इसे सदा सामने लटका लो, इसे खोलकर हर रोज देखना, ताकि तुम इन बुराइयों से बचकर जीवन मार्ग पर आगे बढ़ सकों | दुसरो की उन्नति-प्रगति को देखकर उनके प्रति इर्ष्याभाव रखना तुम्हारे जीवन की उन्नति के मार्ग में बाधा हैं, पर अपनी गलतियों, बुराइयों से बचकर अपने लक्ष्य के प्राप्ति के लिए निरंतर संघर्ष करना, आगे बढ़ना उन्नति का सहज और सरल मार्ग हैं |
- दूसरों की टांग खींचने के लिए आपको हमेशा उनके पीछे रहना होगा | जब आप निंदा कर रहे होते हैं तो अपने जीवन का अनमोल समय नष्ट कर रहे होते हैं |
- दुसरो की कमियां देखकर उनकी निंदा करने की आदत से आप अपने लोगो में ही बदनाम हो जाएंगे | स्वमं की कमिया देखने पर आप उन्हें दूर कर बेहतर हालात बना सकते हैं |
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जीवन एक रेलगाड़ी हैं और हमारा लक्ष्य पटरी
Reviewed by Deepak Gawariya
on
July 16, 2017
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