मददगार है 'सेल्फ हेल्प' किताबें !

'खुद की मदद कैसे करें, सफलता के सूत्र, जीवन में ऊंचाई पर कैसे पहुंचे...' जैसे शीर्षकों से उपलब्ध ढेरों सेल्फ हेल्प किताबें क्या वाकई मदद करती है | क्या होना चाहिए इनको पढने का तरीका...|

'सेल्फ हेल्प' किताबों को लेकर लोगो के अपने-अपने मत होते है | कुछ लोगों के लिए ये किताबें जीवन में आगे बढ़ने का जरिया बनती है, तो कुछ लोगो को लगता है कि ये किताबें उनके लिए नहीं है | इस तरह के लोग बगैर किताब पढ़े ही उसके बारे में अपनी राय बना लेते है | सवाल है कि क्या वाकई किताब पढ़कर जिंदगी बदली जा सकती है ? अगर हां, तो किताब पढने और अधिक से अधिक फायदा लेने का क्या तरीका होना चाहिए |

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थोड़ी मदद ही काफी है 

कोई किताब जादुई रूप से किसी में तुरंत बदलाव नहीं ला सकती | वर्षों तक जिस सोच और आदतों का साथ जीवन में रहा है, उसे महज चंद दिनों में नहीं बदला जा सकता है | लेकिन किताब पढने और उसकी बताई राह पर चलने से फायदा तो होता है | यह भी समझना जरुरी है की अगर कोई किताब से कोई एक पृष्ठ, किसी एक अभ्यास, कोई प्रसंग, कोई वाक्य या किसी शब्द ने भी आपको सूचने के लिए मजबूर कर दिया और बदलाव के लिए प्रेरित कर दिया, तो काफी है | इस किताबों का मकसद व्यक्ति के अन्दर बदलाव लाना है | यह उसे पढने वाले पर निर्भर करता है की उसको किस तरह  पढ़ा और लिखा जा रहा  है |

सिर्फ पढना काफी नहीं 

महज किताब पढने से जीवन में कोई बदलाव नहीं आता | उसमे दी गई जानकारी और तकनीको पर अमल करना जरुरी है | यह किताबे व्यक्ति को अपनी पुराणी आदतों और कंफर्ट जोन से बहार निकालकर अपने अन्दर  मौजूद संभावनाओं को तराशने में मदद करती है | इस किताबों को पढ़कर आप जान सकते है कि जिन्दगी किस तरह जीना चाहते है व इसमें कौनसी आदते रूकावट दाल रही है | किताबों में मौजूद रणनीति,अभ्यास या ट्रिक्स से न केवल समय बाख सकता है, बल्कि हम कई गलतिया करने से भी बच  जाते  है |




हर किताब में कुछ न कुछ  है

इस श्रेणी की कई किताबे बाज़ार में उपलब्ध है | इनमे भी कई किताबे सिर्फ बिज़नस के नवीन रूप स्टार्टअप, तो कुछ प्रबंधन के क्षेत्र में सक्रीय लोगो के लिए होती है | कुछ किताबों में गृहणियों, बुजुर्गों तो कुछेक में छात्रों को संबोधित करते हुए लिखास जाता है | भले ही  हर किताब का आधार अलग हो पर हर किताब में कुछ न कुछ काम का मिल ही जाता है | यह आप पर निर्भर करता है कि उस किताब की बात को किस तरह ले रहे है | जो प्रेजेंटेशन बनाना सिखाने वाली एक किताब सिर्फ नौकरीपेशा लोगो के काम आ सकती है | लेकिन प्रभावी संचार के लिए  दी गई सीखे और प्रायोगिक चीजे, जैसे चित्र्त के माध्यम से कहानी बात समझना या आसानी से कैसे चित्र बनाना, किसी के भी काम आ सकता है  | इस तरह संचार कौशल बढ़ने में यह किताब मदद कर सकती है | 


अपनी भाषा की किताब चुने   

सेल्फ हेल्प के क्षेत्र में प्रसिद्ध अधिकतर किताबे विदेशी लेखको की है | ऐसे में किताब का चुनाव करते समय यह ध्यान रखना चाहिए की उसकी भाषा अपनी अपनी मात्र भाषा हो | अगर अनुदित किताब पढ़ रहे है, तो भी कोई हर्ज नहीं | लेकिन अगर अपनी भाषा में किताब नहीं होगी, तो उसका इतना फायदा नहीं मिलेगा | 

सिखने के बिच ईगो न आए  

कई बार किसी परेशानी का हमे लम्बे समय तक हल नहीं मिल पाता | हमें लगता है की इसे अपने स्तर पर सुलझा लेंगे | 'सेल्फ हेल्प' किताबों में हमेशा समस्याओं का समाधान छुपा होता है | किताब में सिखने के दौरान ईगो कभी बिच में नहीं आना चाहिए | लेखक कई सालों के अध्ययन, शोध और अनुभवों के आधार पर कोई किताब लिखता है | इस तरह लेखक के अनुभव से सिखा जा सकता है | 

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मददगार है 'सेल्फ हेल्प' किताबें ! मददगार है 'सेल्फ हेल्प' किताबें ! Reviewed by Deepak Gawariya on August 23, 2017 Rating: 5

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