न्यूट्रीशन सम्बंधित मिथ और सच्चाई
खानपान ओर न्यूट्रीशन से जुड़े कुछ इसे प्रचलित भ्रम हैं, जिन्हें लोग न जाने कब से सच मान बैठे हैं | जबकि इनके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं हैं | दुनिया के हेल्थ एक्सपर्ट्स ओर न्यूट्रीशन स्पेशलिस्टों ने ऐसी कई मिथ्या धारणाओं से जुडी सच्चाई बताई हैं |
डाइट सोडा स्लिम रखने में मददगार होता हैं
डाइट सोडा को कई लोग वेट लोस का फार्मूला नाम लेते हैं | ऐसा करना सेहत से खिलवाड़ हैं | ज्यादातर सोडा में हानिकारक तत्व होते हैं जो पेट को नुकसान पहुचने के साथ अन्य कई बीमारियों का सबब बन सकते हैं |कुछ डाइट सोडा में तो एसपारमेट नामक केमिकल ( आर्टिफिशियल स्वीटनर ) भी होता हैं, जिससे कैंसर भी हो सकता हैं |आर्गेनिक फ़ूड से ज्यादा न्यूट्रिशन्स होते है
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी अनुसंधानकर्ताओ ने अध्यन में पाया कि आर्गेनिक फ़ूड और पारंपरिक फ़ूड कि न्यूट्रीशन वैल्यू में खास फर्क नहीं होता | आर्गेनिक फ़ूड खरीदकर आप पेस्टीसाइड्स के प्रभाव से बच सकते है | जिसे आप उची कीमत पर आर्गेनिक फ़ूड के नाम पर खरीद रहे है वह कितना आर्गेनिक है इसका पता जरुर लगा लें |
अच्छी चीजे मनचाही मात्र में खाएं
अति सर्वत्र वर्जयेत | माना फल-सब्जियां,साबुत अनाज डेयरी प्रोडक्ट व प्रोटीन सेहत के लिए अच्छे होते हैं, लेकिन किसी भी चीज को एक एक सीमा में खाना ही ठीक हैं | वासा ओर चीनी युक्त फूड्स कम मात्रा में लें | फाइबर युक्त या हरी सब्जियां भी निश्चित मात्रामे ही खाएं | उतना ही खाना चाहिए जितनी कैलोरी हम जला सकें |
न्यूट्रीशन बार पौष्टिक होता हैं
न्यूट्रीशन बार पौष्टिक नहीं होता है | ज्यादातर न्यूट्रीशन बार वास्तव में कैलोरी बार होते है | इनमे काफी मात्रा में चीनी व अन्य कैलोरीज होती है, जो शरीर का वजन बढाती है | बेहतर होगा कि इसका सेवन कत्तई न करे | हाँ, यात्रा के दौरान भूख लगने पर जब कोई दूसरा हेल्दी विकल्प सामने न हो, तो आप इसका सेवन का सकते है |
प्रेगनेंसी में दो लोगो जितना खाना
अक्सर महिलाओं को घर कि बुजुर्ग कि महिलाऐं अधिक भोजन करने व घी का ज्यादा सेवन करने कि सलाह देती है और कहती है की इस वक्त दो लोगो जितना खाना चाहिए | वास्तविकता यह है कि गर्भावस्था के दौरान मात्रा में अधिक नहीं बल्कि गुणवत्ता में अच्छे और पौष्टिक खाध्यपदार्थो का सेवन करना चाहिए | इन दिनों में मेवे, फल,सब्जिया, अच्छी वसा व काम्प्लेक्स कार्ब का सेवन करना चाहिए | भोजन इतना ही करें जितनी भूख हो | जरुरत से ज्यादा अजुर हर चीज बेलगाम खाने से न जिससे कई बार प्रीमैच्योर डिलीवरी कि समस्या हो जाती है |
स्पोर्ट्स ड्रिंक्स जरुरी
यह तभी लागु हो सकता है जब आप एक एथलीट हो और हर रोज बेहद तीव्रता वाली एक्सरसाइज़ एक घंटे से ज्यादा समय तक करते हो | अगर आप सामान्य व्यक्ति की तरह दैनिक एक्सरसाइज़ करते है तो आपको स्पोर्ट्स ड्रिंक कि जरुरत नहीं है | सामान्य व्यायाम के दौरान पसीने से जो तरल और एलेक्ट्रोलाइट्स निकलते है वे पानी और फल के सेवन से रिस्टोर हो सकते है |
गेहूं नुकसानदायक
आजकल कई कंपनिया महँगी मल्टीग्रेन आटा प्रोडक्ट बेचने के लिए गेहूं से जुड़े तरह-तरह के भ्रम फैला रहे है | सच्चाई यह है कि अगर किसी को ग्लूटेन से परेशानी नहीं है या सेलिएक डिजीज नहीं है तो उसे गेहूं से बने फ़ूड प्रोडक्ट या रोटी खाने में कोई दिक्कत नहीं | गेहूं एक पौष्टिक,रेशेदार,मिनरल्स और विटामिन्स से समृद्ध अनाज है | चोकरयुक्त आटे कि रोटी से कब्ज होता है और इससे वेट कंट्रोल में भी मदद मिलती है |
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न्यूट्रीशन सम्बंधित मिथ और सच्चाई
Reviewed by Deepak Gawariya
on
October 04, 2017
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