रास्ते हमेशा होते हैं, उन्हें खोजना पड़ता हैं
आज की दुनिया में ऐसा महसूस होता हैं जैसे कि कोई सफल नहीं हुआ तो वह जीने के काबिल नहीं हैं, जबकि सच तो यह है असफलताएं भी हमारी दोस्त होती हैं, जो सफलता में हुई चुको से अवगत कराती हैं |
आज जितनी भी Technology- TV, Computer, Radio, Mobile, Telephone,उपग्रह आदि - हम देखते हैं, उन सबकी सफलता के पीछे वर्षों की मेहनत और ढेरो असफलताएं छिपी हुई हैं | असफल होने का मतलब सफलता की ओर एक कदम, क्योकि जब कोई असफल होता हैं तो वह इस बात पर विचार करता हैं कि वह आखिर असफल क्यों हुआ ? जो लक्ष्य उसने चुना था उसकी तरह कदम बढ़ने के लिए जो मेहनत चाहिए थी, उसमे क्या कमी रह गई ?
आजकल तो माध्यम वर्ग के माता-पिता की हालत यह है कि वव अपने बच्चे को हर हाल में और हर जगह सफल होते देखना चाहते हैं | असफलता का मतलब बच्चे की नहीं माता-पिता की हार | क्लास में से 100 मेसे 100, खेल में सबसे अव्वल, सबसे अच्छा गायक | एसा सोचान्हा कोई बुरी बात भी नहीं है, क्योकि माता-पिता सोचते है कि यदि बच्चा पढने लिखने में अच्छा निकलेगा तो नौकरी अच्छी मिलेगी, पैसे अच्छे मिलेंगे तो जीवन आसानी से कट जायेगा |
माइक्रोसॉफ्ट के कर्ता-धर्ता बिल गेट्स के बारे में मशहूर है कि वे दसवीं पास भी नहीं है | पर उनकी सफलता सबको हैरान करती है |
जो माता-पिता बच्चे के असफल होने से डरते हैं और असफल होने पर बच्चे को भला बुरा कहते हैं, उसे अपमानित करते हैं, वे इस मूल मंत्र को नहीं समझ पाते कि जो आज असफल हुआ हैं, हो सकता है कि वह कल इतना सफल हो की लोग आश्चर्य करे | दुनिया के बहुत से लोगो के साथ एसा हो चूका हैं | यदि मशहूर संगीतकार और खिलाडियों की बाते सुने, तो वे बहुत कुछ जानने के बाद भी कहते हैं कि अभी कुछ नहीं आता | यदि कोई बड़ा कलाकार एक विद्या में ही अपने खुद को एक्सपर्ट नहीं समझता, तो कोई सब कलाओं को कैसे एक साथ सिख सकता हैं |
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न कि बात-बात पर यह ताने देना कि तुमसे अच्छे नंबर तक नहीं लाए जा सके | क्या करोगे जीवन में | तुमसे तो हमें कोई उम्मीद ही नहीं हैं | बेकार में अपना पैसा और समय बर्बाद कर रहे हैं | या कि उदहारण देना की पडोसी का टिंकू तो इतने अच्छे नंबर लाया कि उसका टॉप कॉलेज में एडमिशन हो गया और एक तुम हो, जिसके एडमिशन के लिए रात-दिन भागे-भागे फिर रहे हैं |
मशहूर वैज्ञानिक आइंस्टाइन पढने में बिलकुल भी अच्छे नहीं थे, जबकि उनकी थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी के नियम ने भौतिक शास्त्र की दुनिया बदल दी |
एक जगह असफलता का यह मायने कतई नहीं होता कि उस व्यक्ति के लिए हर जगह असफलता इंतज़ार कर रही हैं | वह कहीं भी सफल नहीं होगा, बल्कि बड़ो की यह बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हैं है कि असफल हो जाने वाले बच्चों की हिम्मत वे कभी न टूटने दें | हम लोग देखते है कि पढाई और अच्छे नंबर लाने के प्रेशर की वजह से कई बच्चे आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं | माता-पिता को यह समझना होगा कि बच्चे की जिंदगी से मूल्यवान ज्यादा कुछ भी नहीं हैं | सफलता और असफलता तो आनी जानी हैं | बच्चे को यह बार-बार बताने की जरुरत हैं कि कोई बात नहीं, अगर नंबर बहुत अच्छे नहीं आए | आगे कोशिश करना और नंबरों से पहले जरुरी हैं तुम्हारा स्वास्थ्य, तुम्हारी ख़ुशी | इन दोनों बातों की कीमत पर कोई सफलता नहीं चाहिए, क्योकि अगर हमेशा खुश रहोगे, तो स्वास्थ्य अच्छा रहेगा | स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो बहुत कुछ कर पाओगे |
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अमेरिका के मशहूर उद्योग पति हेनरी फोर्ड का मानना था कि असफलता हमें सिखाती है कि हमें एक बार फिर से शुरू करने का मौका मिला हैं | जब तक असफलता के कारणों पर विचार नहीं किया जायेगा, तब तक सफलता दूर ही रहेगी |
विद्या बालन की शुरूआती फ़िल्में फ्लॉप हुई थी, तो वे फ़िल्मी दुनिया छोड़ने के बारे में सोचने लगी थी, यदि वे एसा करती, तो हम एक बेहतरीन अभिनेत्री से वंचित रह जाते |
अव्वल बच्चों का क्रेज :-
आजकल के छोटे परिवारों में बहुत से माता-पिता ऐसे हैं, जो चाहते है कि उनका बच्चा पढने में तो बहुत अच्छा हो ही -वह संगीतकार भी हो, तैरक भी हो, नाटक भी करता हो, पेंटिंग भी जनता हो | यानी कि इस धरती पर जितनी भी चीजे है, वे अपने बच्चे को उन सबमे एक्सपर्ट बना देना चाहते है | वे नहीं सोच पते की दुनिया में कोई भी हर कला का मास्टर नहीं होता |
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क्या बनोगे मुन्ना ?
बहुत से माता-पिता ऐसे भी होते है, जो सोचते है कि जो वे नहीं कर पाए, उनका बच्चा क्या करे | वे ये भूल जाते है कि हो सकता है जो वे बनना चाहते थे और नहीं बन पाए, उसे करने में बच्चे की शायद रूचि ही न हो | वे बच्चे के ऊपर अपने सपनों को पूरा करने का इतना दबाव बनाते है कि कई बार बच्चे कुछ भी नहीं कर पते | कई बार तो वे गंभीर अवसाद के शिकार हो जाते है |
80%व्यवसाय शुरुआत में करते है असफलता का सामना |
42% केवलअसफलता के बावजूद चाहते है टिके रहना |
66% लोग इसलिए पिछड़ जाते है क्योकि वे अपनी क्षमताओं को बढाने से बचते है |
20% सोचते है कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने की जरुरत है |
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रास्ते हमेशा होते हैं, उन्हें खोजना पड़ता हैं
Reviewed by Deepak Gawariya
on
July 30, 2017
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