स्वाइन फ्लू क्या होता है ? लक्षण,बचाव व उपचार


स्वाइन फ्लू

स्वाइन फ्लू एक संक्रामक रोग है | एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति तक पहुँचता है | इस रोग के वायरस 24 घंटे तक हवा में कठोर सतह में जीवित रही सकते है,जबकि कोमल सतह में 20 घंटे जीवित रहते है |


स्वाइन फ्लू क्या होता है ? लक्षण,बचाव व उपचार

स्वाइन फ्लू एक श्वसन सम्बन्धी रोग है | इसे N1H1इन्फ्लुएंजा भी कहा जाता है | यह संकरामक रोग है, जो वायरस से फैलता है | इस वायरस की पहचान 2009 में हुई, W.H.O.द्वारा इसे जून 2009  में महामारी घोषित किया गया | यह संक्रामक रोग एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति तक पहुँचता है | इसका वाहक सूअर होता है, इसलिए इसे स्वाइन फ्लू कहा जाता है |

सर्दियों में ठंडे मौसम में यह संक्रमण अधिक फैलता है | इस वर्ष इस रोग का फैलाव अधिक देखने को मिल रहा है | इसे लेकर लोगो में विविध प्रकार कि भ्रान्तिया है | बुखार आना, नाक बहना, गले में खराश, बदन दर्द, भूख में कमी, उलटी लगना, जी मचलाना, आलस, मांसपेशियों में खिंचाव स्वाइन फ्लू के प्रमुख लक्षण है |


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 स्वाइन फ्लुए में कैसा हो आहार ?

स्वाइन फ्लू के प्रभाव को कम करने में आहार बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, उचित आहार का चुनाव करके इस रोग से निजात पाई जा सकती है | स्वाइन फ्लू की परिस्थिति में रोगी के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण हो जाती है | आहार में इसे खाध्य पदार्थो को सम्मिलित करना आवश्यक हो जाता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाएं और संक्रमण कम करें |

  1. पानी की पर्याप्त मात्रा इस अवस्था में अत्यंत आवश्यक है , प्रतिदिन कम से कम 10-12 गिलास पानी पीना आवश्यक है | 
  2. ध्यान रहे कि पानी पूरी तरह से स्वच्छ हो |
  3. बच्चो को पानी पिलाने से पहले अच्छी तरह से उबाल लें |  
  4. आहार में सब्जियां, फल, सम्पूर्ण अनाज(Whole Green) सम्मिलित करना चाहिए | 
  5. आयरन, विटामिन-डी एवं सी, एंटी ओक्सिडेंट, जिंक को अनिवार्य रूप से सम्मिलित करना चाहिए | सब्जियों में पालक, पत्ता गोभी,फूल गोभी,ब्रोकली,गाजर, टमाटर,कद्दू जरुर सम्मिलित करना चाहिए | 
  6. फल में अनानास, सेब,अंगूर,नाशपती, खुबानी,संतरा,खरबूजे का सेवन करना चाहिए |
  7. दूध, अंडा,बीन्स,सोया,प्रोतिने के अच्छे स्त्रोत है, इसने भी आहार में शामिल जरुर रखना चाहिए | 
नट्स एवं बीज भी इस रोग की स्थिति में प्रतिदिन के आहार का नियमित हिस्सा होना चाहिए- जैसे कद्दू का बीज, सुन्फ्लोवर(सूर्यमुखी) का बीज, अखरोट का बीज एवं ब्राजील नट्स | प्याज,अदरक,लहसुन,लौंग,एलोवेरा,जीरा सभी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते है, इन्हें प्रतिदिन के आहार में सम्मिलित करना चाहिए | 

डिटोक्स : हर्बल टी, पुदीना, तुलसी से शरीर के अन्दर उपस्थित संक्रमण को बाहर निकलने में सहायता मिलती है |


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स्वाइन फ्लू से बचने के घरेलु उपाय 

1 छोटा चम्मच- हॉर्स रेडिश का रस+ 1 छोटा चम्मच- शहद + 1 छोटा चम्मच पीसी हुई लौंग कुनकुने पन्नी के साथ दिन में एक बार अवश्य लेना चाहिए | केला,डिब्बा बंद आहार, स्ट्रीट फ़ूड, ज्यादा शक्कर युक्त भोजन इस स्तिथि में हानिकारक है | आहार हल्का, पौष्टिक एवं संतुलित लेकर इस रोग के लक्षणों एवं संक्रमण को कम किया जा सकता है एवं इस बिमारी से निजात भी पाया जा सकता है | आहार के अतिरिक्त व्यक्तिगत स्वच्छता की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है | नाक, आँख, मुंह के स्त्राव को हाथो  से नहीं छूना चाहिए | स्वस्थ्य व्यक्तियों को रोगी से कुछ दुरी बना कर रखनी चाहिये | थोड़ी सावधानी, उचित आहार एवं स्वच्छता इस विकराल महामारी को कम करने में सहायक हो सकती है |

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स्वाइन फ्लू क्या होता है ? लक्षण,बचाव व उपचार स्वाइन फ्लू क्या होता है ? लक्षण,बचाव व उपचार Reviewed by Deepak Gawariya on October 08, 2017 Rating: 5

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